दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि आईपीएल का एक भी मैच दिल्ली में नहीं होगा। सिसोदिया ने ये भी कहा कि सभी बड़े आयोजन, वार्ताएं और खेल आयोजनों पर अगले नोटिस तक दिल्ली में बैन लगाया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से दिल्ली के सभी सार्वजनिक स्विमिंग पूल 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया है। इसकी घोषणा खुद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की जिनके साथ प्रेस कांफ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हमने तय किया है कि दिल्ली में होने वाले आईपीएल मैच पर बैन लगाएंगे, जहां लोग हजारों की संख्या में जुटते हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए लोगों को इकट्ठा होने से रोकना जरूरी है। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि सभी होटलों और अन्य संस्थाओं के स्विमिंग पूलों को भी बंद किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस को महामारी घोषित करते हुए सभी सिनेमा घर, स्कूल और कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिये थे। हालांकि इनमें वे स्कूल शामिल नहीं हैं जहां परीक्षाएं हो रही हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आदेश जारी करते हुए कहा था, 'स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, विश्वविद्यालयों, निजी कोचिंग सेंटरों और ट्यूशन सेंटरों समेत सभी शिक्षण संस्थान 31 मार्च तक बंद रहेंगे। हालांकि वे संस्थान खुले रहेंगे जहां परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं।' जेएनयू कैंपस में सभी गतिविधियां 31 मार्च तक स्थगित कोरोना के खतरे को देखते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने फैसला लिया है कि कैंपस में होने वाले सभी लेक्चर, कक्षा में प्रस्तुति और परीक्षाएं 31 मार्च तक स्थगित रहेंगी। 31 मार्च तक कैंपस में होने वाले सभी तरह के सेमिनार, वार्ताएं और कार्यशाला स्थगित रहेंगे। जामिया में 31 मार्च तक सभी सामूहिक गतिविधियां स्थगित जेएनयू के साथ ही जामिया में भी सभी तरह के सामूहिक वाद-विवाद, कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। साथ ही एसेसमेंट क्लास ऑनलाइन होंगी और परीक्षाएं तय समय से होंगी। दिल्ली की अदालतों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र के जरिए भेजी याचिका में कोरोना वायरस को उसके परिसर तथा राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिला अदालतों में फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने का अनुरोध किया गया है। एक वकील मोहित कुमार गुप्ता द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 विषाणु अत्यधिक संक्रामक है और यह एक बार में एक से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है जिसका अभी कोई टीका भी उपलब्ध नहीं है। अगर यह अदालतों में फैलता है तो 'आम आदमी के लिए न्यायिक व्यवस्था असल में पहुंच से बाहर हो जाएगी।’

निर्भया दुष्कर्म मामले में दोषी विनय शर्मा ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई। विनय ने दावा किया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने में कई खामियां हैं। 


विनय के वकील एपी सिंह ने मामले को दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दायर कराया है। दोषी ने याचिका में दावा किया है कि जो दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई उसमें दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं थे। 

पवन के पिता पहुंचे हाई कोर्ट 

निर्भया के दोषियों में शामिल पवन गुप्ता के पिता ने पीड़िता के मित्र और केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।

निचली अदालत उसके इस आग्रह को पहले ही दो बार खारिज कर चुकी है। उसने सत्र अदालत के 27 जनवरी के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी छह जनवरी को यह अर्जी खारिज कर दी थी।

पवन के पिता हीरालाल गुप्ता का दावा है कि पीड़िता के मित्र ने चैनलों से पैसा लेकर झूठे साक्षात्कार दिए जिससे केस की सुनवाई प्रभावित हुई। इससे उसके बेटे के केस की उचित सुनवाई नहीं हुई।

पेश याचिका में एक वरिष्ठ पत्रकार के उस ट़वीट को आधार बनाया गया जिसमें पीड़िता के मित्र द्वारा पैसे लेकर साक्षात्कार देने की बात कही गई है। याचिका का कहना है कि ट्वीट से साफ है गवाह ने झूठी गवाही दी और उसके इस कृत्य की स्वतंत्र जांच करवाई जानी चाहिए।

पटियाला हाउस अदालत ने पांच मार्च को चौथी बार डैथ वारंट जारी कर चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह व अक्षय ठाकुर को 20 मार्च की सुबह फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। 


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