निर्भया दुष्कर्म मामले में दोषी विनय शर्मा ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई। विनय ने दावा किया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने में कई खामियां हैं।
विनय के वकील एपी सिंह ने मामले को दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दायर कराया है। दोषी ने याचिका में दावा किया है कि जो दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई उसमें दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं थे।
पवन के पिता पहुंचे हाई कोर्ट
निर्भया के दोषियों में शामिल पवन गुप्ता के पिता ने पीड़िता के मित्र और केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।
निचली अदालत उसके इस आग्रह को पहले ही दो बार खारिज कर चुकी है। उसने सत्र अदालत के 27 जनवरी के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी छह जनवरी को यह अर्जी खारिज कर दी थी।
पवन के पिता हीरालाल गुप्ता का दावा है कि पीड़िता के मित्र ने चैनलों से पैसा लेकर झूठे साक्षात्कार दिए जिससे केस की सुनवाई प्रभावित हुई। इससे उसके बेटे के केस की उचित सुनवाई नहीं हुई।
पेश याचिका में एक वरिष्ठ पत्रकार के उस ट़वीट को आधार बनाया गया जिसमें पीड़िता के मित्र द्वारा पैसे लेकर साक्षात्कार देने की बात कही गई है। याचिका का कहना है कि ट्वीट से साफ है गवाह ने झूठी गवाही दी और उसके इस कृत्य की स्वतंत्र जांच करवाई जानी चाहिए।
पटियाला हाउस अदालत ने पांच मार्च को चौथी बार डैथ वारंट जारी कर चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह व अक्षय ठाकुर को 20 मार्च की सुबह फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था।